
रिपोर्ट-सविताबेन(kotdatimes.com)
18/11/2020
आबुरोड़ (सिरोही) , आदिवासी बाहुल्य भाखर क्षेत्र के उपलाखेजडा़ गांव में दीपावली मनाने का अपना एक अलग लहजा है। यहा प्रतिवर्ष इस पर्व के मौके पर इन क्षेत्र के सभी आदिवासी लोग़ गुजरात मे स्थित पोशीना से भाखर बावसी की प्रतिमा को लाते हैं। और इस दौरान आदिवासी आस्था पूर्वक भावसी की प्रतिमा को लाने से लेकर स्थापित करने तक पवित्रता का पूरा ख्याल रखते हुए पूजा अर्चना करते है। यहाँ सूर्योदय से पूर्व स्नानादि के पश्चात शुभ मुहूर्त में प्रतिमा की खरीदारी करने के लिए निकल पड़ते हैं। कुछ वर्षो पूर्व वाहनों से परहेज कर पैदल आवागमन किया जाता था। आदिवासी देवाराम परमार ने बताया कि मान्यता अनुसार साल भर पशुधन एवं उपज को आपदा से बचाने के लिए जुड़ी अटूट आस्था अभी भी लोगों में कायम है। गाँव के लोग दिपावली पूजन से पूर्व भाखर बावसी स्थापित करने का श्रीगणेश करने के बाद ही पर्व पूजन का शुभारंभ करते हैं। भाखर बावसी का स्थान उपलाखेजडा गांव के पास रणोरा ऊपरी पहाड़ी पर स्थित है मंदिर जहां इस गांव के लोग पैदल जा कर मूर्ति स्थापित करते हैं। जिसमें अलग-अलग समूह में लोग जाकर आते जाते रहते हैं। इसे यहां इन क्षेत्र के लोगों द्वारा लोक देवता से कम नहीं आंका जाता। इस तरह यह मंदिर की आस्था आदिवासी क्षेत्र के सभी लोगों में बे बुनियाद बसती है ।