
आबूरोड,( सिरोही)। रिपोर्ट -सविता बेन गरासिया (KOTDATIMES.COM)
बीते बुधवार सुबह आबूरोड क्यारियां ग्राम पंचायत के दूना काकर गांव की पीसरा फली में एक आदिवासी परिवार का आवासीय बसेरा आग की लपटों का शिकार होकर कालिख में बदला। चिंगारी की लपटों को देख एक मासूम के चिल्लाने पर बड़े मासूम बच्चे ने अन्य मासूमों को तत्परता से निकाला ।

चिंगारी की आग आवासीय बसेरे का बनी दुश्मन, बड़े बच्चे ने मौत के मुंह से निकाला अन्य मासूमों को:-
आबूरोड के पास क्यारिया ग्राम पंचायत के दूनाकाकर गांव की पीसरा फली में बुधवार सुबह आशाराम पुत्र मावाजी गरासिया अपनी पत्नी के साथ दूरी पर खेत पर काम कर रहा था।आवासीय बसेरे के झोपड़े में उनके बच्चे अलाव ताप रहे थे। उड़ी चिंगारी से लकड़ियों से निर्मित घास फूस से निर्मित बसेरे में आग पकड़ ली। देखते ही देखते आग की लपटों के साथ धुआं उठने लगा, हवा के साथ उठती लपटें आशियाने से बाहर की तरफ झोके ले रही थी, दरमियान एक मासूम पर लपटों के ताप की संवेदना पर वह चिल्लाया, पास में दो अन्य और मासूम थे पास में बड़े मासूम ने दोनों को खींच कर बाहर निकाल दिए। कुछ ही पलों में जंगल मे आग की तरह झोपड़े का बसेरा खाक हो गया।जिसमें 30,000 से अधिक नकद रुपए, 5 बोरी गेहूं मक्का व अन्य जरूरी प्रमाण पत्र जेवरात, बिस्तर खाद्य सामग्री जलकर कोयले में तब्दील हो गई।

सरपंच लीलाबेन ने पहुंच कर दैनिक भोजन के तौर पर खाद्य सामग्री व नकद सहायता प्रदान की:- पंचायत के ग्रामीणों द्वारा सरपंच को बताने पर सरपंच श्रीमती लीला बेन दूना काकर गांव जाकर पीसरा फली के पहले से ही गरीब के खाक आशियाने पहुंची, जहां आगजनी के प्रभावित परिवार को सर्दी में बचाव के लिए इंतजाम हेतु कंबल खाद्य सामग्री व नकद मदद प्रदान की। सरपंच ने बताया कि प्रभावित परिवार की अत्यंत गरीबी को देखते हुए भामाशाह से संपर्क स्थापित किया जा रहा है तथा ग्राम पंचायत व सरकार स्तर पर भी यथासंभव प्रयास किए जा रहे हैं।