
रिपोर्ट- सविता बेन गरासिया (KOTDATIMES.COM) 25/1/2022
आबूरोड (सिरोही)राडा गांव की थल फली के गोवा राम ने यह तरीका ईजाद कर अपनाया।
अक्सर शहरी हाईवे की पक्की सड़कों और गांवों की डामर सड़कों पर माल परिवहन के यातायत के साधन तेज गति से दौड़ते हुए देखा जाता है।लेकिन आबू रोड का एक ऐसा इलाके का एक गांव जहां पर सड़क सफर आवागमन संभव नहीं होने पर आदिवासी बालक ने खाद्यान्न परिवहन का नया तरीका इजाद कर बेलों के जरिए मक्का का अनाज परिवहन करना निश्चित किया।

7 क्विंटल मक्के का बेलों के जरिए किया परिवहन:-
यह दास्तान आबूरोड के राडा गांव की थला फली की है जहां पूर्णतया पहाड़ी बसावट है, स्वयं के कदम ही यातायात के साधन है।भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए मानव मस्तिष्क के अविष्कार की तर्ज पर मालक गोवा राम पुत्र रमाराम गरासिया ने अपने बैलों को जरिए लकड़ी का पायदान बनाकर उसमें खरीफ से ऊपज की मक्का को सफेद कट्टो में भरकर अपने एक घर से दूसरे घर ले जाने की ठान लेने के बाद सफर शुरू किया और सुबह से शाम तक 6-7 चक्कर में 7 क्विंटल खरीफ मक्के का परिवहन कर ही आराम की नींद ली।