
रिपोर्ट- विनोद कुमार (Kotdatimes)
9/10/2020
धरना अर्थात लोग अपनी मांग को लेकर कुछ समय के लिए किसी सार्वजानिक या निजी स्थान पर बैठ जाये | और उस मांग को पूरा करवाने के लिए नारे लगाए,या उनका अपना तरीका जिससे वो अपनी बात लोगों को और प्रशासन को बताये | किन्तु ऐसे स्थान पर पुलिस का होना जरुरी भी होता है | आदिवासी संघर्ष समिति मामेर द्वारा आयोजित आज की महापंचायत में करीब 100 से डेढ़ सौ लोग देखने मिले जो की अपनी अपनी मांग को लेकर अपनी बात रख रहे थे | इस बैठक की शुरुआत आज शुरुआत में अवैध तरीके से जीपो द्वारा वसूले जाने वाले पैसे के खिलाफ थी | साथ ही मामेर क्षेत्र में जो बिजली पूरा समय नहीं रहती एवं कटौती ज्यादा होती है | साथ ही कुछ फॉल्ट होने पर भी उसे जल्द ठीक नहीं करते उसे लेकर थी | लोगों ने मामेर से खेड़ब्रह्मा जाने वाला मार्ग पत्थर रखकर बंद किया | उसके बाद जोर जोर से ढोल बजा अन्य लोगों को बुलाने लगे शुरुआत में काम लोग थे उसके बाद लोगों की संख्या बढ़ने लगी |

बारह से डेढ़ बजे तक चला धरना – जीप वाले अपनी जीप मोड़ दूसरे रस्ते ले गए
मामेर रोड पर लगा धरना दोपहर 12 बजे से डेढ़ बजे तक चला | इसमें केवल जीप वालों को रोका जा रहा था | अन्य सभी गाड़ी और बाइक वाले को शांति से जाने दिया जा रहा था | इस धरने के समय यंहा सरकारी विभाग के कोई अधिकारी या पुलिस विभाग को कोई कर्मचारी उपस्थित नहीं था |

लोगों ने शांतिपूर्वक तरीके से धरना किया और अंत में अपनी एक बात तय करके इसे खत्म किया | लोगों ने तय किया की उनके क्षेत्र में बिजली की सुविधा सही तरीके से की जाये | इसके अलावा रोडवेज बस की सुविधा पुनः शुरू की जाये | संघर्ष समिति के सोहनलाल परमार ने सभी लोगों के साथ बातचीत कर कहा की अगर इन मांग को सर्कार द्वारा पूरा नहीं किया जाता है तो आनेवाली 15 अक्टूम्बर को कोटड़ा उपखण्ड कार्यलय का घेराव करेंगे |