
राजस्थान-गुजरात के खेत मजदूर अधिकार मंच की बैठक में लिया फैसला
रिपोर्ट- विनोद कुमार (KOTDATIMES.COM) 25/1/2022
भाग खेती व्यवस्था में गुजरात के बड़े किसानों द्वारा आदिवासी मजदूरों से जो अतिरिक्त मजदूरों का भुगतान लिया जाता हैं व मजदूर के परिवार से बेगारी कार्य करवाया जाता हैं उसका सभी भाग खेती मजदूर विरोध करेगे। फरवरी के अंत में जब पूरे वर्ष की खेती का हिसाब होगा तो भागिया मजदूरों द्वारा किसानों के समक्ष आवाज उठाई जायेगी। यह बात आज राजस्थान व गुजरात के खेत मजदूर अधिकार मंच के कोर सदस्यों द्वारा आयोजित बैठक में उठी। बैठक में गुजरात व राजस्थान के 20 सदस्यों द्वारा भागिदारी की गई।
क्या हैं भाग खेती की शोषण व्यवस्था
खेत मजदूर अधिकार मंच के सदस्य बाबुलाल गमार ने बताया कि कोटड़ा और गुजरात के आदिवासी तहसील खेड़ब्रम्हा व पोषिना से हजारों की संख्या में ऐसे परिवार जो भूमिहिन हैं या कम जमीन हैं वे पूरे वर्ष सांबरकाठा व बनांसकाठा में बड़े किसानों के यहां भाग खेती (हिस्सेदारी) में जाते हैं। यह अपने पूरे परिवार के साथ वर्ष भर किसानों के खेतों में खून-पसीना एक करते हैं इसके बदले में उन्हें खेती में कुल उत्पादन का 5वां से लेकर 10वां तक हिस्सा दिया जाता हैं।

किसान इस भाग की व्यवस्था में भागिया व उसके परविार के जो सदस्य कार्य कर रहे हैं उनके अतिरिक्त भी मजदूर खेती कार्य में लगाता हैं जिसकी मजदूरी भी वह भागिया के हिस्से में लिखता हैं व हिसाब के समय वह भागिया के हिस्से से इसे काटता हैं। इस व्यवस्था से भागिया मजदूर को साल खत्म होने पर कोई मजदूरी नहीं मिलती।
बेघारी काम भी महिलाओं से करवाया जाता हैं
मंच से जुड़ी ऐतरी बेन ने बताया की भागिया मजदूर की पत्नी से किसानों द्वारा खेती के अतिरिक्त भी कार्य करवाये जा रहे हैं जिसमें पशुओं के घास कटाई, गोबर उठाने, घर की साफ सफाई, फसल पकने पर किसान के घर अनाज पहुंचाना, गोदाम में हुसल भरना आदि। जिसका महिला श्रमिक को कोई भी भुगतान किसान द्वारा नहीं किया जाता।

क्या तय किया
बैठक में सदस्यों ने तय किया कि किसी मजदूर की मजबुरी का फायदा इस तरह उठाना बिल्कुल अनुचित हैं। भागिया मजदूर को भी सरकार द्वारा तय न्यूनतम् मजदूरी 340 रुपया का भुगतान या उसके बराबर भाग (हिस्सा) कुल उत्पादन का मिलना ही चाहिये। यदि यह नहीं मिलता हैं तो कानून का उल्लंघन हैं। मंच के अनिल भाई ने बताया कि मंच द्वारा तय किया गया हैं कि –
कोटड़ा, पोशिना व खेड़ब्रहम्हा के जनप्रतिनिधियों से अपील करेगे कि उनके इलाके से जाने वाले मजदूरों पर हो रहे शोषण के विरुद्ध गुजरात सरकार को लिखे व भागिया मजदूरों को न्याय दिलवाने में उनका साथ देवे।
भाग में गये हुए श्रमिकों व उनके परिवारों के घर-घर जाकर जागरुकता की जायेगी कि इस वर्ष होने वाले बंटवारे के समय दोनों मांगे किसान के समक्ष रखे।किसानों के नेताओं के साथ भी वार्ता की जायेगी व इस शोषणकारी व्यवस्था को खत्म कर मजदूरों को कानून के अनुरुप मजदूरी दिलाने पर चर्चा की जायेगी। बैठक में मंच के सदस्य रापलीबाई, जैलकीबाई, दक्षाबेन, सोमाभाई, मीनाराम, रमेष भाई अंगारी, वादिराभाई, रमेश भाई, गवरीबाई, केसरीबाई, सेदनाबाई व प्रताप ने भी विचार रखे।